Spiritual

Shiv Kavach Stotra

Shiv Kavach Stotra अस्य श्री शिवकवच स्तोत्र महामन्त्रस्य ऋषभयोगीश्वर ऋषिः । अनुष्टुप् छन्दः । श्रीसाम्बसदाशिवो देवता । ॐ बीजम् । नमः शक्तिः । शिवायेति कीलकम् । मम साम्बसदाशिवप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥ करन्यासः ॐ सदाशिवाय अङ्गुष्ठाभ्यां नमः । नं गङ्गाधराय तर्जनीभ्यां नमः । मं मृत्युञ्जयाय मध्यमाभ्यां नमः । शिं शूलपाणये अनामिकाभ्यां नमः । वां पिनाकपाणये कनिष्ठिकाभ्यां […]

Shiv Kavach Stotra Read More »

Sri Surya Kavach

Sri Surya Kavach श्री भैरव उवाच यो देवदेवो भगवान् भास्करो महसां निधिः ।गयत्रीनायको भास्वान् सवितेति प्रगीयते ॥ 1 ॥ तस्याहं कवचं दिव्यं वज्रपञ्जरकाभिधम् ।सर्वमन्त्रमयं गुह्यं मूलविद्यारहस्यकम् ॥ 2 ॥ सर्वपापापहं देवि दुःखदारिद्र्यनाशनम् ।महाकुष्ठहरं पुण्यं सर्वरोगनिवर्हणम् ॥ 3 ॥ सर्वशत्रुसमूहघ्नं सम्ग्रामे विजयप्रदम् ।सर्वतेजोमयं सर्वदेवदानवपूजितम् ॥ 4 ॥ रणे राजभये घोरे सर्वोपद्रवनाशनम् ।मातृकावेष्टितं वर्म भैरवानननिर्गतम् ॥ 5

Sri Surya Kavach Read More »

narayan kavach ka paath

नारायण कवचम् – narayan kavach न्यासः अङ्गन्यासः ॐ ॐ पादयोः नमः । ॐ नं जानुनोः नमः । ॐ मों ऊर्वोः नमः । ॐ नां उदरे नमः । ॐ रां हृदि नमः । ॐ यं उरसि नमः । ॐ णां मुखे नमः । ॐ यं शिरसि नमः । करन्यासः ॐ ॐ दक्षिणतर्जन्यां नमः । ॐ नं

narayan kavach ka paath Read More »

Gayatri Kavach

गायत्री कवचम् – Gayatri Kavach नारद उवाच स्वामिन् सर्वजगन्नाध संशयोऽस्ति मम प्रभोचतुषष्टि कलाभिज्ञ पातका द्योगविद्वर मुच्यते केन पुण्येन ब्रह्मरूपः कथं भवेत्देहश्च देवतारूपो मंत्र रूपो विशेषतः कर्मत च्छ्रोतु मिच्छामि न्यासं च विधिपूर्वकम्ऋषि श्छंदोऽधि दैवंच ध्यानं च विधिव त्प्रभो Read more : Gayatri Mantra | विभिन्न देवी – देवताओं के गायत्री मंत्र नारायण उवाच अस्य्तेकं परमं गुह्यं

Gayatri Kavach Read More »

Sri Suktam – श्री सूक्तम्

।। श्री सूक्तम् ।। ( sri suktam ) Sri Suktam संकल्प :- ॐ मम स कुटुबस्य स परिवारस्य नित्य कल्याण प्राप्ति अर्थ लक्ष्मी विनाश पूर्वकं दशविध लक्ष्मी प्राप्ति अर्थ श्री महालक्ष्मी प्रीत्यर्थं यथा शक्ति श्री सुक्तस्य पाठ अहं करिष्ये। Sri Suktam महा-लक्ष्मी विनियोग :- ॐ हिरण्यवर्णा इति पंचदशर्चस्य श्री सुक्तस्य आधमंत्रस्य लक्ष्मीऋषि: चर्तुपशमंत्राणाम आनंदकर्दम चिकलीतेन्दिरासुता

Sri Suktam – श्री सूक्तम् Read More »

Shri Annapurna Stotram – श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम्

  Shri Annapurna Stotram   श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम् श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित स्तोत्र है। ‘अन्ना’ का अर्थ भोजन या अनाज है और ‘पूर्णा’ का अर्थ है पूर्ण इस कारण इन्हें भोजन और पोषण की देवी कहा जाता हैं। Shri Annapurna Stotram में आदि शंकराचार्य ने इस स्तोत्र में आदि शंकराचार्य द्वारा, माँ अन्नपूर्णा 

Shri Annapurna Stotram – श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम् Read More »

Shri Bhairav Stuti – श्री भैरव स्तुति

 श्री भैरव स्तुति – Shri Bhairav Stuti   श्री भैरव  भगवान शिव का उग्र रूप है। जो विभिन्न सिद्धियों को देने वाले हैं। सिद्धियों और तंत्र क्रिया प्राप्त करने के वाले तंत्र और योगियों द्वारा व्यापक रूप से पूजा की जाती है। भैरव स्वयं आठ अभिव्यक्तियाँ हैं, उनके नाम इस प्रकार है – १) काल

Shri Bhairav Stuti – श्री भैरव स्तुति Read More »

Maa Dhumavati Ashtak stotra – माँ धूमावती अष्टक स्तोत्रं

माँ धूमावती अष्टक स्तोत्रं – Maa Dhumavati Ashtak stotra Maa Dhumvati is the goddess of spiritual practice in the 9th place among the ten Mahavidyas. By reciting the Ashtak Stotra of Maa Dhumavati, all the enemies are destroyed from the root as well as the life of the seeker is fearless and progress. दस महाविद्याओं

Maa Dhumavati Ashtak stotra – माँ धूमावती अष्टक स्तोत्रं Read More »

Neel Saraswati stotram – श्री नील सरस्वती स्तोत्र

  श्री नील सरस्वती स्तोत्र – Neel Saraswati stotram माँ नील सरस्वती को देवी तारा  का रूप माना जाता है। इसका पाठ करने वाला मनुष्य ज्ञात और गुप्त दोनों  प्रकार के शत्रुओं पर विजय पा लेता है। शुभ तिथियों में अर्थात् अष्टमी, नवमी या चतुर्दशी के दिन श्री नील सरस्वती स्तोत्रम – Neel Saraswati stotram

Neel Saraswati stotram – श्री नील सरस्वती स्तोत्र Read More »

Shri Devi atharvashirshal – श्री देव्यथर्वशीर्षम्

 देवी अथर्वशीर्ष स्तोत्रम (Devi atharvashirshal Stotram) । अथ श्री देव्यथर्वशीर्षम ।   ॐ सर्वे वै देवा देवीमुपतस्थुः  कासि त्वं महादेवीति ।।1।। साब्रवीत्-  अहं ब्रह्म्स्वरुपिणी । मत्तः प्रकृति पुरुशात्मकं जगत् । शून्यं चाशून्यं च ।।2।। अहमानन्दानानन्दौ । अहं विज्ञानाविज्ञाने । अहं ब्रह्माब्रह्मणी वेदितव्ये । अहं पञ्च्भूतान्यपञ्चभूतानि । अहमखिलं जगत् ।।3।। वेदोऽहमवेदोऽहम् । विद्याहमविद्याहम् । अजाहमनजाहम् । अधश्चोर्ध्वं

Shri Devi atharvashirshal – श्री देव्यथर्वशीर्षम् Read More »

Shri Navgrah Chalisa – श्री नवग्रह चालीसा

Shri 2BNavgrah 2BChalisa

ll श्री नवग्रह चालीसा ll (Shri Navgrah Chalisa) ॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय । नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥ जय जय रवि शशि सोम, बुध जय गुरु भृगु शनि राज। जयति राहु अरु केतु ग्रह, करहुं अनुग्रह आज ॥   ॥ चौपाई ॥ Shri Navgrah Chalisa ॥ श्री

Shri Navgrah Chalisa – श्री नवग्रह चालीसा Read More »

Shri Durga Chalisa – श्री दुर्गा चालीसा

|| श्री दुर्गा चालीसा ||  Shri Durga Chalisa नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो दुर्गे सुख करनी नमो नमो अम्बे दुःख हरनी निरंकार है ज्योति तुम्हारी तिहूं लोक फैली उजियारी शशि ललाट मुख महाविशाला नेत्र लाल भृकुटि विकराला रूप मातु को अधिक सुहावे दरश करत जन अति सुख पावे नमो नमो

Shri Durga Chalisa – श्री दुर्गा चालीसा Read More »

error: