भगवान शिव के अवतार | Shiv Avatar

Shiv Avatar , शौनक जी बोले – हे महात्मा सूत जी! आप मुझे कलयुग में कल्याण करने वाले भगवान शिवजी के अवतारों की सुखद कथा सुनाने की कृपा करें। सूत जी ने कहा कि यही रहस्यमयी कथा सुनने की इच्छा सनत्कुमार जी ने नन्दीश्वर के आगे प्रकट की थी। उन्होंने जैसा वर्णन किया था, वही […]

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Trayodashi Tithi – त्रयोदशी तिथि 2023

वर्ष 2023 के सभी Trayodashi Tithi की सूची और 2023 में Trayodashi Tithi का सटीक प्रारंभ समय और समाप्ति समय… Trayodashi Tithi list in 2023 त्रयोदशी तिथि in January Shukla Paksha Trayodashi Jan 03, 10:02 pm – Jan 05, 12:01 am Krishna Paksha Trayodashi Jan 19, 1:18 pm – Jan 20, 10:00 am Read more

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Purnima Tithi – पूर्णिमा तिथि 2023

वर्ष 2023 विक्रम संवत (2079 – 2080) के सभी Purnima Tithi की सूची और 2023 में Purnima Tithi का सटीक प्रारंभ समय और समाप्ति समय … Purnima Tithi 2023 list Tithi Start & End Time Pausa PurnimaJanuary 6th, Friday Jan 06, 2:14 AM – Jan 07, 4:37 AM Magha PurnimaFebruary 5th, Sunday Feb 04, 9:30

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गुप्त श्री सिद्ध कुंजिका स्तोत्र – Siddha Kunjika Stotram

Siddha Kunjika Stotram महात्म :- Siddha Kunjika Stotram वास्तव में सफलता की कुंजी है। इसके बिन सप्तशती का पाठ पुर्ण नहीं माना जाता है। षट्कर्म में भी Siddha Kunjika Stotram रामबाण की तरह कार्य करता है परंतु जब तक इसकी ऊर्जा को साधक अपने में समाहित नहीं कर लेता है तब तक इस का पूर्ण

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Shri Shani Chalisa – श्री शनि चालीसा

  || Shri Shani Chalisa || || श्री शनि चालीसा || ॥ दोहा Shani Chalisa॥ “जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल, दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल, जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज, करहूँ कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज “ जयति जयति शनिदेव दयाला करत सदा भक्तन

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ग्रह के अशुभ प्रभाव और इससे बचने के उपाय part – 2

शास्त्रों के अनुसार, कर्ज, शत्रु और रोग इनको कभी साधारण या छोटा न समझें, इनकी तरफ से लापरवाह न रहें और इनसे जल्द से जल्द छुटकारा पाने का पूरा प्रयत्न , इनको जड़ से समाप्त करना जरूरी होता है । ग्रह के अशुभ प्रभाव और इससे बचने के उपाय – चंद्रमा : संसार को तप्त

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सूर्य के अशुभ प्रभाव और उपाय

9 ग्रह में सूर्य को विशेष प्रधानता व मान्यता दी गयी है, क्योंकि सूर्य के अशुभ प्रभाव या सूर्य के शुभ प्रभाव से ही व्यक्ति के यश, प्रतिष्ठा व धनप्राप्ति के विषय में भविष्य वाणी की जाती है। मानव का सर्वप्रथम ध्यान आकर्षण कराने वाली वस्तु है सूर्य… परिमाण में बड़ा तथा प्रकाशमय होने के

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ग्रह डालते हैं स्वस्थ पर प्रभाव और इससे बचने के उपाय part -1

शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रह शुभ स्थिति में हो, तो शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है । यदि मन प्रसन्न हो तो तन स्वस्थ रहता है । तन, मन प्रसन्न व स्वस्थ हो, तो ही जीवन सुखी व समृद्ध होता है । हम जीवन में जो कुछ भी करते हैं, वह शरीर

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रावण संहिता – ” ग्रंथों के आधार पर चमत्कारित ज्योतिष “

रावण संहिता : भारत वर्ष में ज्योतिष शास्त्र के ऊपर अनेकानेक ग्रंथ हैं । इनमें कुछ ऐसी संहिताएं एवं नाड़ी रहें ग्रंथ हैं, जैसे रावण संहिता, जिसमें मानव के तीनों जन्मों के विषय में फलाफल लिखे हैं । ये फल जन्मकुंडली के नाड़ी, अंशों पर आधारित हैं । Read more : Love Merriage की क्या

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Gotra – गोत्र क्या है अपना गोत्र अगर पता नहीं है तो हम पता कैसे करें

Gotra – गोत्र क्या है  मानव एक सामाजिक प्राणी है, एक सामान्य मनुष्य समाज द्वारा बनाए गए नीति और नियमों का पालन करने के लिए इस समाज में स्वयं को और अपने परिवार को मान सम्मान को बनाए रख सकता है।   Gotra भी प्राचीन मानव समाज द्वारा बनाए गए रीति रिवाज का हिस्सा है

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त्रिशांश कुंडली से स्त्री का चरित्र और विवाह में विलंब | Trishansh Kundali, Character of Girl and delay in marriage

स्त्री जातक के अध्ययन में हमारे ऋषियों ने कुंडली के त्रिशांश की वृहद व्याख्या की है । किसी भी राशि का तीसवां अंश (1/30) या 1 अंश Trishansh कहलाता है। Read more : Love Merriage की क्या शर्ते है ? प्रेम विवाह होने के योग विषम राशियों में त्रिशांश की इस प्रकार गणना की जाती

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अंतरजातीय विवाह और वैधव्य योग – Intercaste marriage & widowhood

किसी भी जातक की कुंडली में यदि सप्तम स्थान में मंगल एवं राहु विराजमान हो तो उस व्यक्ति का Marriage अपने जाति से न हो कर किसी अन्य जाति की कन्या से होता है , तो इसे ही अंतरजातीय विवाह कहते है और वैधव्य योग अर्थात किसी स्त्री का विधवा हो जाना है, ज्योतिष शास्त्र

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