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Shiv Manas Pooja Stotram । श्री शिवमानस पूजा स्तोत्रं

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     श्री शिवमानस पूजा स्तोत्रं   रत्नैः कल्पित मासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्यांबरं   नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदांकितं चंदनम् ।   जाजीचंपकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथा दीपं   देवदयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ॥ १ ॥     सौवर्णे मणिखंडरत्नरचिते पात्रे घृतं पायसं भक्ष्यं   पंचविधं पयोदधियुतं रंभाफलं स्वादुदम् ।   शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूर खंडोज्ज्वलं   तांबूलं मनसा […]

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Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam | श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं

॥ श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र ॥ मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥१॥   नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम् । सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥२॥   समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् । कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥३॥   अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं पुरारिपूर्वनन्दनं

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Sankatmochan Hanuman Ashtak – संकट मोचन हनुमानाष्टक

  संकट मोचन हनुमानाष्टक बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों। ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो। देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥ बालि की त्रास कपीस बसैं

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Hanuman Bahuk Lyrics | हनुमानबाहुक

 – श्री हनुमान बाहुक -Hanuman Bahuk             “असाध्य रोग और सारे कष्ट बाधा निवारण के लिए हनुमान बाहुक का पाठ करें “ (श्रीमद्गोस्वामितुलसीदासकृत) ।। श्री गणेशाय नम:।। श्री जानकीवल्लभो विजयते  छप्पय  सिंधु-तरन, सिय-सोच-हरन, रबि-बालबरन-तनु। भुज बिसाल, मूरति कराल कालहुको काल जनु।। गहन-दहन-निरदहन-लंक नि:संक, बंक-भुव । जातुधान-बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव।। कह तुलसिदास सेवत सुलभ, सेवक

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Shiv Tandav Stotram – शिव तांडव स्तोत्रम्

॥ श्री शिव तांडव स्तोत्रम् ॥Shiv Tandav Stotram ” शिव तांडव स्तोत्र रावन द्वारा रचित एक स्तोत्र है , जो भगवान शिव को समर्पित है। यह स्तुति पंचचामर छंद में है। यदि आप पूरी निष्ठा के साथ इस स्तोत्र का पाठ करते है तो वाक् सिद्धि के साथ साथ यह आपको शक्ति, सुख, समृद्धि, मानसिक शक्ति और

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Devi Aparadha Kshamapana Stotram – देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम्

Devi Aparadha Kshamapana Stotram – देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम् न मत्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहोन चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः ।न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनंपरं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥१॥  विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतयाविधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत् ।तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवेकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥२॥  पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाःपरं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः ।मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवेकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥३॥ जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचितान वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया ।तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषेकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥४॥ परित्यक्ता देवा विविधविधसेवाकुलतयामया पञ्चाशीतेरधिकमपनीते तु वयसि ।इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भवितानिरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ॥५॥ श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरानिरातङ्को रङ्को विहरति चिरं कोटिकनकैः ।तवापर्णे कर्णे विशति मनुवर्णे फलमिदंजनः को जानीते जननि जपनीयं जपविधौ ॥६॥ चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरोजटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपतिः ।कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवींभवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम् ॥७॥ न मोक्षस्याकाङ्क्षा भवविभववाञ्छापि च न मेन विज्ञानापेक्षा शशिमुखि सुखेच्छापि न पुनः ।अतस्त्वां संयाचे जननि जननं यातु मम वैमृडानी रुद्राणी शिव शिव भवानीति जपतः ॥८॥ नाराधितासि विधिना विविधोपचारैःकिं रुक्षचिन्तनपरैर्न कृतं वचोभिः ।श्यामे त्वमेव यदि किञ्चन मय्यनाथेधत्से कृपामुचितमम्ब परं तवैव ॥९॥ आपत्सु मग्नः स्मरणं त्वदीयंकरोमि दुर्गे करुणार्णवेशि ।नैतच्छठत्वं मम भावयेथाःक्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ॥१०॥ जगदम्ब विचित्रमत्र किंपरिपूर्णा करुणास्ति चेन्मयि ।अपराधपरम्परापरंन हि माता समुपेक्षते सुतम् ॥११॥ मत्समः पातकी नास्ति पापघ्नी त्वत्समा न हि

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Aaditya hridaya stotram – आदित्य हृदय स्तोत्र

|| आदित्य हृदय स्तोत्र || Aaditya hridaya stotram  इस मंत्र के जप से सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं। चाहें वह आपकी रोग से ग्रस्त हो या सरकारी नौकरी की चाहत रखते हो या कोई ऐसा काम जो आसाध हो । इस के पाठ से सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं। सरकारी नौकरी

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