Shiv Chalisa – श्री शिव चालीसा

Shri Shiv Chalisa        ॥ श्री शिव चालीसा ॥   हिन्दू धर्म में भगवान की प्रार्थना करने के लिए चालीसा का पाठ किया जाता हैं। शिव चालीसा में चालीस पंक्तियां होने के कारण इसे चालीसा कहते हैं। केवल शिव चालीसा के पाठ करने से ही भक्त को बहुत आसानी से भगवान की कृपा प्राप्त हो […]

Shiv Chalisa – श्री शिव चालीसा Read More »

Hanuman Bahuk Lyrics | हनुमानबाहुक

  Hanuman Bahuk  – श्री हनुमान बाहुक –            “असाध्य रोग और सारे कष्ट बाधा निवारण के लिए हनुमान बाहुक का पाठ करें “ (श्रीमद्गोस्वामितुलसीदासकृत) ।। श्री गणेशाय नम:।। श्री जानकीवल्लभो विजयते  छप्पय  सिंधु-तरन, सिय-सोच-हरन, रबि-बालबरन-तनु। भुज बिसाल, मूरति कराल कालहुको काल जनु।। गहन-दहन-निरदहन-लंक नि:संक, बंक-भुव । जातुधान-बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव।। कह तुलसिदास सेवत सुलभ,

Hanuman Bahuk Lyrics | हनुमानबाहुक Read More »

Shiv Tandav Stotram – शिव तांडव स्तोत्रम्

Shiv Tandav Stotram ॥ श्री शिव तांडव स्तोत्रम् ॥ ” शिव तांडव स्तोत्र रावन द्वारा रचित एक स्तोत्र है , जो भगवान शिव को समर्पित है। यह स्तुति पंचचामर छंद में है। यदि आप पूरी निष्ठा के साथ इस स्तोत्र का पाठ करते है तो वाक् सिद्धि के साथ साथ यह आपको शक्ति, सुख, समृद्धि, मानसिक शक्ति

Shiv Tandav Stotram – शिव तांडव स्तोत्रम् Read More »

Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo | तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो

Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo      – तुलसी आरती –                तुलसी पूजा, तुलसी विवाह, कार्तिक माह (पूर्णिमा), इस्कॉन मंदिर आदि में गया जाने वाला सबसे प्रसिद्ध तुलसी आरती । तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो । Read more : Shri Vishnu Aarti Lyrics – श्री विष्णु आरती धन तुलसी पूरण

Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo | तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो Read More »

Shree Hanuman Chalisha – श्री हनुमान चालीसा

Shree Hanuman Chalisha  श्री हनुमान चालीसा ( Hanuman chalisa  ) ॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमनु मुकुरु सुधारि बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार   चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा महाबीर

Shree Hanuman Chalisha – श्री हनुमान चालीसा Read More »

Devi Aparadha Kshamapana Stotram – देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम्

Devi Aparadha Kshamapana Stotram – देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम् न मत्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहोन चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः ।न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनंपरं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥१॥  विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतयाविधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत् ।तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवेकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥२॥  पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाःपरं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः ।मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवेकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥३॥ जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचितान वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया ।तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषेकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥४॥ परित्यक्ता देवा विविधविधसेवाकुलतयामया पञ्चाशीतेरधिकमपनीते तु वयसि ।इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भवितानिरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ॥५॥ श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरानिरातङ्को रङ्को विहरति चिरं कोटिकनकैः ।तवापर्णे कर्णे विशति मनुवर्णे फलमिदंजनः को जानीते जननि जपनीयं जपविधौ ॥६॥ चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरोजटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपतिः ।कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवींभवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम् ॥७॥ न मोक्षस्याकाङ्क्षा भवविभववाञ्छापि च न मेन विज्ञानापेक्षा शशिमुखि सुखेच्छापि न पुनः ।अतस्त्वां संयाचे जननि जननं यातु मम वैमृडानी रुद्राणी शिव शिव भवानीति जपतः ॥८॥ नाराधितासि विधिना विविधोपचारैःकिं रुक्षचिन्तनपरैर्न कृतं वचोभिः ।श्यामे त्वमेव यदि किञ्चन मय्यनाथेधत्से कृपामुचितमम्ब परं तवैव ॥९॥ आपत्सु मग्नः स्मरणं त्वदीयंकरोमि दुर्गे करुणार्णवेशि ।नैतच्छठत्वं मम भावयेथाःक्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ॥१०॥ जगदम्ब विचित्रमत्र किंपरिपूर्णा करुणास्ति चेन्मयि ।अपराधपरम्परापरंन हि माता समुपेक्षते सुतम् ॥११॥ मत्समः पातकी नास्ति पापघ्नी त्वत्समा न हि ।एवं ज्ञात्वा महादेवि यथा योग्यं तथा कुरु ।।१२।। आद्य शंकराचार्य द्वारा विरचित भगवती दुर्गा को समर्पित ॥श्री देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम् ॥

Devi Aparadha Kshamapana Stotram – देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम् Read More »

Aaditya hridaya stotram – आदित्य हृदय स्तोत्र

|| आदित्य हृदय स्तोत्र || Aaditya hridaya stotram  इस मंत्र के जप से सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं। चाहें वह आपकी रोग से ग्रस्त हो या सरकारी नौकरी की चाहत रखते हो या कोई ऐसा काम जो आसाध हो । इस के पाठ से सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं। सरकारी नौकरी

Aaditya hridaya stotram – आदित्य हृदय स्तोत्र Read More »

Maa Saraswati Aarti-Jai Saraswati Mata | आरती – जय सरस्वती माता

Maa Saraswati Aarti  जय सरस्वती माता  आरती  जय सरस्वती माता मैया जय सरस्वती माता | सद्गुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्यात || जय सरस्वती माता मैया जय सरस्वती मात जय सरस्वती माता मैया जय सरस्वती माता | सद्गुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्यात || जय सरस्वती माता मैया जय सरस्वती माता |   चंद्रवदनी पद्मासिनी,धुति मंगलकारी, मैया धुति मंगलकारी |

Maa Saraswati Aarti-Jai Saraswati Mata | आरती – जय सरस्वती माता Read More »

Shree Surya Dev Aarti – श्री सूर्यदेव की आरती

|| Shree Surya Dev Aarti ||             श्री सूर्यदेव की आरती                        ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान। जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा। धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

Shree Surya Dev Aarti – श्री सूर्यदेव की आरती Read More »

Om Jai Lakshmi Mata – Shree Laxmi Aarti| श्री लक्ष्मी जी की आरती

।। Om Jai Lakshmi Mata ।। ।। श्री लक्ष्मी जी की आरती ।। स्तुति “महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय,वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥” आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥   उमा, रमा, ब्रम्हाणी,

Om Jai Lakshmi Mata – Shree Laxmi Aarti| श्री लक्ष्मी जी की आरती Read More »

Aarti Kunj Bihari ki – श्री कुंजबिहारी की आरती

Aarti Kunj Bihari ki आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥   आरती कुंजबिहारी की,   श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला,   बजावै मुरली मधुर बाला ।   श्रवण में कुण्डल झलकाला,   नंद के आनंद नंदलाला ।   गगन सम अंग कांति काली,   राधिका चमक रही

Aarti Kunj Bihari ki – श्री कुंजबिहारी की आरती Read More »

Shri Durga Mata ki Aarti | श्री दुर्गा माता की आरती

|| Shri Durga Mata ki Aarti || जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी |तुमको निसदिन ध्यावत हरि ब्रम्हा शिवरी॥ मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमदको।उज्जवल से दोऊ नैना चन्द्रवदन नीको॥२॥ कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे।रक्त पुष्प गल माला कण्ठन पर साजे॥३॥ Read more : Shri Vishnu Aarti Lyrics – श्री विष्णु आरती केहरि वाहन राजत

Shri Durga Mata ki Aarti | श्री दुर्गा माता की आरती Read More »

error: