गुप्त श्री सिद्ध कुंजिका स्तोत्र – Siddha Kunjika Stotram

Siddha Kunjika Stotram महात्म :- Siddha Kunjika Stotram वास्तव में सफलता की कुंजी है। इसके बिन सप्तशती का पाठ पुर्ण नहीं माना जाता है। षट्कर्म में भी Siddha Kunjika Stotram रामबाण की तरह कार्य करता है परंतु जब तक इसकी ऊर्जा को साधक अपने में समाहित नहीं कर लेता है तब तक इस का पूर्ण […]

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Shri Shani Chalisa – श्री शनि चालीसा

  || Shri Shani Chalisa || || श्री शनि चालीसा || ॥ दोहा Shani Chalisa॥ “जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल, दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल, जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज, करहूँ कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज “ जयति जयति शनिदेव दयाला करत सदा भक्तन

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ग्रह के अशुभ प्रभाव और इससे बचने के उपाय part – 2

शास्त्रों के अनुसार, कर्ज, शत्रु और रोग इनको कभी साधारण या छोटा न समझें, इनकी तरफ से लापरवाह न रहें और इनसे जल्द से जल्द छुटकारा पाने का पूरा प्रयत्न , इनको जड़ से समाप्त करना जरूरी होता है । ग्रह के अशुभ प्रभाव और इससे बचने के उपाय – चंद्रमा : संसार को तप्त

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सूर्य के अशुभ प्रभाव और उपाय

9 ग्रह में सूर्य को विशेष प्रधानता व मान्यता दी गयी है, क्योंकि सूर्य के अशुभ प्रभाव या सूर्य के शुभ प्रभाव से ही व्यक्ति के यश, प्रतिष्ठा व धनप्राप्ति के विषय में भविष्य वाणी की जाती है। मानव का सर्वप्रथम ध्यान आकर्षण कराने वाली वस्तु है सूर्य… परिमाण में बड़ा तथा प्रकाशमय होने के

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ग्रह डालते हैं स्वस्थ पर प्रभाव और इससे बचने के उपाय part -1

शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रह शुभ स्थिति में हो, तो शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है । यदि मन प्रसन्न हो तो तन स्वस्थ रहता है । तन, मन प्रसन्न व स्वस्थ हो, तो ही जीवन सुखी व समृद्ध होता है । हम जीवन में जो कुछ भी करते हैं, वह शरीर

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रावण संहिता – ” ग्रंथों के आधार पर चमत्कारित ज्योतिष “

रावण संहिता : भारत वर्ष में ज्योतिष शास्त्र के ऊपर अनेकानेक ग्रंथ हैं । इनमें कुछ ऐसी संहिताएं एवं नाड़ी रहें ग्रंथ हैं, जैसे रावण संहिता, जिसमें मानव के तीनों जन्मों के विषय में फलाफल लिखे हैं । ये फल जन्मकुंडली के नाड़ी, अंशों पर आधारित हैं । Read more : Love Merriage की क्या

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त्रिशांश कुंडली से स्त्री का चरित्र और विवाह में विलंब | Trishansh Kundali, Character of Girl and delay in marriage

स्त्री जातक के अध्ययन में हमारे ऋषियों ने कुंडली के त्रिशांश की वृहद व्याख्या की है । किसी भी राशि का तीसवां अंश (1/30) या 1 अंश Trishansh कहलाता है। Read more : Love Merriage की क्या शर्ते है ? प्रेम विवाह होने के योग विषम राशियों में त्रिशांश की इस प्रकार गणना की जाती

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अंतरजातीय विवाह और वैधव्य योग – Intercaste marriage & widowhood

किसी भी जातक की कुंडली में यदि सप्तम स्थान में मंगल एवं राहु विराजमान हो तो उस व्यक्ति का Marriage अपने जाति से न हो कर किसी अन्य जाति की कन्या से होता है , तो इसे ही अंतरजातीय विवाह कहते है और वैधव्य योग अर्थात किसी स्त्री का विधवा हो जाना है, ज्योतिष शास्त्र

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Love Merriage की क्या शर्ते है ? प्रेम विवाह होने के योग

Love Merriage के किसी भी विषय में कुंडली के प्रमुख रूप से सप्तम स्थान (most important) के अतिरिक्त द्वितीय स्थान एवं एकादश स्थान का अध्ययन आवश्यक है. कारण यह है कि कुंडली का लग्न स्थान से द्वितीय स्थान कुटुंब स्थान है और विवाह के बाद परिवार में एक व्यक्ति तो बढ़ता है एवं इस अतिरिक्त

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Manglik dosh क्या है ?

विवाह पुरुष एवं स्त्री का दैविक संबंध है । किसी ने सत्य ही कहा है कि विवाह ईश्वर के यहां ही निश्चित हो जाता है और ये विवाह धरती पर संपन्न होते । पुरुष या नारी के विवाह में मंगल, गुरु एवं शुक्र की प्रमुख भूमिका होती है । इस विवाह में मंगल ग्रह की

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कुछ बहुमूल्य totke एवं चमत्कारी तंत्र, मंत्र Part – 5

सौभाग्य वृद्धि एवं कल्याण हेतू बहुमूल्य रामबाण totke – सौभाग्य वृद्धि हेतु टोटका :- totke शनिवार को जब सर्वार्थ सिद्धि योग हो तो अति उत्तम या किसी शनिवार को संध्या समय अपनी लंबाई के अनुसार लाल रेशम का धागा लें तथा बरगद वृक्ष के पत्ते को साफ कर ऊपरोक्त लाल रेशम से लपेट दें तथा

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Totke कुछ चमत्कारी तंत्र, मंत्र एवं बहुमूल्य totke Part – 4

Totke – चमत्कारी तंत्र, मंत्र, बहुमूल्य, प्रामाणिक एवं परखी हुई अपने कार्यों में निश्चित सफलता प्राप्ति हेतु निम्नलिखित प्रामाणिक एवं परखी हुई totke – ग्रहपीड़ा निवारण हेतु औषधियों के तांत्रिक प्रयोग व टोटके – Totke प्रत्येक ग्रह की दशा अनुकूल न होने के पर उसकी शांति के लिए निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करना श्रेयष्कर होगा

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