Gayatri Mantra | विभिन्न देवी – देवताओं के गायत्री मंत्र

ऋग्वेद में Gayatri Mantra को ॐ के समतुल्य बताया गया है हमारे सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं के लिए विशेष मंत्र बताएं गए है , जिससे इनकी अराधना भी जाती है । किंतु इन मंत्रों के साथ साथ प्रत्येक देवी देवताओं के लिए Gayatri Mantra भी बताएं गए है , जिससे इसकी महत्ता और भी बढ जाती है। सनातन धर्म में ॐ की क्या महत्ता है ! वो आप सबों को तो पता होगी ही, आत्म को परम् – आत्मा से जोड़ने का सुगम माध्य । फलस्वरूप इसके उच्चारण मात्र से ही साधक के मनोवांछित कार्य सफल होते है। कुछ प्रमुख देवी देवताओं के Gayatri Mantra इस प्रकार हैं –

Gayatri Mantra

Table of Contents

देवी गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)

।। ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् ।।

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गणेश गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)

।। ॐ एक्दंताये विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।।

ब्रह्मा गायत्री मंत्र(Gayatri Mantra) – 1

।। ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।।

ब्रह्मा गायत्री मंत्र(Gayatri Mantra) – 2

।। ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।।

ब्रह्मा गायत्री मंत्र(Gayatri Mantra) – 3

।। ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।।

विष्णु गायत्री मंत्र 

।। ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।


रुद्र गायत्री मंत्र

।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ।।

।। ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे, सहस्राक्षाय महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्र प्रचोदयात् ।।


दक्षिणामूर्ती गायत्री मंत्र

।। ॐ दक्षिणामूर्तये विद्महे, ध्यानस्थाय धीमहि, तन्नो धीश: प्रचोदयात् ।।


हयग्रीव गायत्री मंत्र 

।। ॐ वागीश्वराय विद्महे, हयग्रीवाय धीमहि, तन्नो हंस: प्रचोदयात् ।।

दुर्गा गायत्री मंत्र 

।। ॐ कात्यायन्यै विद्महे, कन्याकुमार्ये च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।।

।। ॐ महाशूलिन्यै विद्महे, महादुर्गायै धीमहि, तन्नो भगवती प्रचोदयात् ।।

।। ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।।

सरस्वती गायत्री मंत्र

।। ॐ वाग्देव्यै च विद्महे, कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात् ।।

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

।। ॐ महादेव्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।।

शक्ति गायत्री मंत्र

।। ॐ सर्वसंमोहिन्यै विद्महे, विश्वजनन्यै धीमहि, तन्नो शक्ति प्रचोदयात् ।।

अन्नपूर्णा गायत्री मंत्र

।। ॐ भगवत्यै च विद्महे, महेश्वर्यै च धीमहि, तन्नोन्नपूर्णा प्रचोदयात् ।।

काली गायत्री मंत्र

।। ॐ कालिकायै च विद्महे, स्मशानवासिन्यै धीमहि, तन्नो घोरा प्रचोदयात् ।।

नन्दिकेश्वरा गायत्री मंत्र 

।। ॐ तत्पुरूषाय विद्महे, नन्दिकेश्वराय धीमहि, तन्नो वृषभ: प्रचोदयात् ।।

गरुड़ गायत्री मन्त्र:- 

।। ॐ तत्पुरूषाय विद्महे, सुवर्णपक्षाय धीमहि, तन्नो गरुड: प्रचोदयात् ।।


हनुमान गायत्री मंत्र

।। ॐ आञ्जनेयाय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ।।

।। ॐ वायुपुत्राय विद्महे, रामदूताय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ।।

शण्मुख गायत्री मंत्र 

।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महासेनाय धीमहि, तन्नो शण्मुख प्रचोदयात् ।।

ऐयप्पन गायत्री मंत्र

।। ॐ भूतादिपाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो शास्ता प्रचोदयात् ।।

धनवन्त्री गायत्री मंत्र

।। ॐ अमुद हस्ताय विद्महे, आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि, तन्नो धनवन्त्री प्रचोदयात् ।।


कृष्ण गायत्री मंत्र 

।। ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्ण प्रचोदयात् ।।


राधा गायत्री मंत्र

।। ॐ वृषभानुजाय विद्महे, कृष्णप्रियाय धीमहि, तन्नो राधा प्रचोदयात् ।।

राम गायत्री मंत्र

।। ॐ दशरताय विद्महे, सीता वल्लभाय धीमहि, तन्नो रामा: प्रचोदयात् ।।

सीता गायत्री मंत्र 

।। ॐ जनकनन्दिंयै विद्महे, भूमिजयै धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात् ।।


तुलसी गायत्री मंत्र

।। ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

सूर्य गायत्री मंत्र(Gayatri Mantra)

।। ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।।

अन्नपूर्णा गायत्री मंत्र

।। ॐ भगवत्यै च विद्महे, महेश्वर्यै च धीमहि, तन्नो पूर्णा प्रचोदयात् ।।

अग्नि गायत्री मंत्र

।। ॐ महा ज्वालाया विधमहे, अग्नि देवाय धीमहि, तन्नो अग्नि प्रचोदयात् ।।

।। ॐ विश्वनाराय विधमहे, लालीलाय धीमहि, तन्नो अग्नि प्रचोदयात् ।।

कुबेर गायत्री मंत्र

।। ॐ यक्षा राजाया विद्महे, वैशरावनाया धीमहि, तन्नो कुबेराह प्रचोदयात् ।।

कामदेव गायत्री मंत्र(Gayatri Mantra)

।। ॐ कामदेवाया विद्महे, पुष्पा बनाया धीमहि, तन्नो अनंगहा प्रचोदयात् ।।

शिरडी साई गायत्री मंत्र

।। ॐ शिरडी वासाया विधमाहे, सच्चिदानन्द धीमहि, तन्नो साइ प्रचोदयात् ।।

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