आपकी बुद्धि को प्रखर और सूझबूझ को उपयोगी एवं प्रभावोत्पादक तथा सफल बनाने के लिए कथ्य एवं सत्य के आधार पर निम्नलिखित प्रामाणिक एवं परखी हुई कुछ totke प्रस्तुत है –
शरीर रोग संबंधी टोटके :-
सिर में रोग हो तो पीले कपड़े में धनिया,
मुख रोग हो तो सफेद कपड़े में जीरा,
उदर संबंधी रोग हो तो आसमानी कपड़े में तुलसी वृक्ष की जड़,
कमर में कोई रोग हो तो हरे कपड़े में छोटी इलायची के दाने,
गुप्तेंद्रिय संबंधी रोग हो तो नारंगी रंग के कपड़े में नागदकेशर,
प्रत्येक रविवार को हाथ-गला या कमर में धारण करके तीसरे दिन प्रत्येक मंगलवार को उतार कर चौराहे पर फेंक दिया करें , totke अभूतपूर्व लाभ होगा ।
चर्मरोग दूर करने का टोटका :-
चर्मरोग में प्रातःकाल नित्य कर्म के पश्चात बासी मुंह पीला सरसों चबाकर खायें । इसके बाद पानी भी पी लें । इस क्रिया को नियम से 21 दिनों तक करें, ‘नागा न करें । ऐसा करने से कोई भी चर्म रोग हो, अवश्य छूट जायेगा ।
बच्चा रोता ही रोता हो :-
कई बार बच्चा रोता ही रोता है। वास्तव में उसे कोई रोग नहीं होता (according to medical science), किंतु वह बालक दूध पीना छोड़ देता है अर्थात माता के स्तन को मुंह तक नहीं लगाता । ऐसी स्थिति में उस बच्चे की मां को चाहिये कि तीन, पांच या सात सुहागिन औरतों से अपने स्तन को थुकथुका लें, तो बच्चा स्वस्थ होकर दूध पीने लगेगा । यह एक देहाती totke है।
पेट में बच्चे का मरना (Stillbirth) :-
Stillbirth, जिन औरतों को हो जाता है, उनके बच्चे उत्पन्न होकर अथवा गर्भ में ही एंठकर मर जाते हैं ।
ऐसी औरतों को चाहिये कि बेरी के पत्ते, बबूल के पत्ते, आक के पत्ते, पीपल के पत्ते, नीम के पत्ते और अरंड के पत्ते, सात कुओं का जल तथा सात चौराहे की मिट्टी लेकर किसी भी शुक्ल पक्ष को रविवार को एक कोरे बर्तन में डालकर किसी बेरी के पेड़ के नीचे जाकर स्नान करे ।
ऐसा totke करने से stillbirth की समस्या दूर हो जाती है तथा दीर्घायु बच्चे पैदा होते हैं ।
विभिन्न रोग निवारक टोटके :-
गर्भिणी स्त्री को कमर में लज्जावर्त एक सफेद मूंगा धारण कराने से गर्भ की रक्षा होती है |
प्रसवकाल में प्रसव पीड़ा से मूर्छित गर्भिणी स्त्री के सर पर पत्थरचट्टा के जड़ को रखने से तत्काल बिना दर्द के प्रसव हो जाता है ।
गर्भपात की संभावना होने पर रविवार पुष्य नक्षत्र में लायी हुई काले धतूरे की जड़, सुकुमारी छोटी कन्या के हाथ से काले डोरे सहित गर्भवती महिला के कमर में बंधवा देना चाहिये । गर्भपात नहीं होगा ।
पारी का बुखार (alternate fever) :-
यदि किसी को पारी का बुखार आता हो, तो उस व्यक्ति को चाहिये कि वह न किसी शनिवार या रविवार को घर से सात चावल के दाने लेकर अटोक (बिना बोले) चले जहां आक का वृक्ष खड़ा हो, वहीं पूर्वाभिमुख खड़े होकर एक चावल का दाना आक की जड़ में रख कर कहे ‘ज्वरदेव आपको रविवार का निमंत्रण है, बिना बुलाये मत आना । दूसरा चावल रखकर कहें कि हे ज्वरदेव आपको सोमवार का निमंत्रण है, किंतु बिना बुलाये नहीं आना । यही क्रम पूरे सप्ताह के दिनों का नाम लेकर कह दें (शनिवार को प्रयोग करें, तो रविवार से प्रारंभ करें, यदि रविवार को करें, तो सोमवार से totke प्रारंभ करें) फिर बिना बोले घर चले आयें । उस दिन के पश्चात बुखार नहीं आयेगा ।
खोयी हुई या चोरी हुई वस्तु को प्राप्त करने के लिए :-
मंत्र को पीपल के पत्ते पर लिख लें । इसी पत्ते पर खोयी हुई या चोरी हुई वस्तु का नाम भी लिख लें तथा घी, दीप एवं धूप से पत्ते की पूजा करें. ‘हुं’ मंत्र का जप 40 माला करें । इसके पश्चात उस पत्ते पर लिखे यंत्र को ब्रह्म मुहूर्त में नदी या बहते जल में प्रवाहित कर दें । ऐसा totke करने से खोयी हुई या चोरी हुई वस्तु प्राप्त होगी । यंत्र –
व्यापार या नौकरी पेशे में वृद्धि के लिए :-
कच्चे सूत को केशर से रंग करके आप अपने पॉकेट (जेब), गले या पूजा स्थान में रख दें । ऐसा totke करने से व्यापार या नौकरी पेशे में वृद्धि होगी ।
बवासीर दूर करने का टोटका :-
शुद्ध घी में बनी ताजी जलेबी को लेकर मूली के रस में डुबा कर बवासीर से ग्रसित व्यक्ति को खिला दें ऐसा कुछ दिन totke करने से किसी भी प्रकार का बवासीर समूल नष्ट जायेगा ।
सावधानी–
इसमें दिये गये तंत्र, मंत्र एवं टोटकों को अपनी आवश्यकतानुसार अवश्य आजमायें. कुआं प्यासे व्यक्ति को पानी पीने के लिए बनाया गया है. यदि कोई मंदमति उसमें कूदकर अपनी जान दे दे, तो इसमें कुआं बनाने का क्या दोष? इसी प्रकार यह लेख भी लोक कल्याण के लिए लिखा गया है। अतः इसके दुरुपयोग से यदि किसी का अहित होता है, तो इसमें लेखक का कोई दोष नहीं होगा।